How to choose right school for your child in Hindi | बच्चों के लिए सही स्कूल का चुनाव करने के 15 महत्वपूर्ण सुझाव

प्रत्येक माता-पिता अपने बच्चे को अच्छे से अच्छे स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं | यद्यपि वे विभिन्न कारकों को ध्यान में रखकर एक अच्छे स्कूल का चुनाव भी करते हैं, परंतु अपेक्षा अनुरूप परिणाम न मिलने के कारण बार-बार स्कूल बदलने को मजबूर हो जाते है | आज के समय में एक अच्छे स्कूल का चयन किसी चुनौती से कम नहीं है, इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखकर मै आप को 15 महत्वपूर्ण तरीके बताने जा रहीं हूँ, जो निश्चित ही आपको अपने बच्चो के लिए एक अच्छे स्कूल के चुनाव में मदद करेगा |

How to choose right school for your child in hindi

Table of Contents

सही स्कूल का चुनाव कैसे करें?

बच्चो के लिए सही स्कूल का चुनाव करते समय किन बातो का ध्यान रखना चाहिए? यह जानने के लिए मैंने कई अभिवावको, शिक्षको और बच्चो से बात की ताकि पढाई के दौरान होने वाली परेशानियों को बेहतर तरीके से समझा जा सके | इस प्रकार खुद के रिसर्च और 15 साल के अध्यापन अनुभव के आधार पर बच्चे के लिए सही स्कूल का चुनाव करते समय, हमें किन महत्वपूर्ण कारको का ध्यान रखना चाहिए ? जोकि निम्नवत है |

  • स्कूल किस बोर्ड से संबद्ध है
  • पढ़ाई का मीडियम
  • एक क्लास में बच्चों की संख्या
  • अध्यापकों का शिक्षण प्रोफाइल
  • प्रतियोगी परीक्षाओं में स्कूल का रिजल्ट कैसा है
  • स्कूल में बच्चों की सुरक्षा
  • स्कूल का पिछले 5 सालों का रिकॉर्ड कैसा है
  • स्कूल का अनुशासन कैसा है
  • स्कूल कैंपस और आसपास का माहौल कैसा है
  • देश प्रदेश में होने वाले कार्यक्रमों में स्कूल की सहभागिता
  • एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटीज
  • घर से स्कूल की दूरी
  • स्कूल का बजट एवं फीस
  • अभिभावकों का स्कूल के बारे में फीडबैक में
  • पढ़ने वाले छात्रों का स्कूल के बारे में फीडबैक

बच्चों के लिए सही स्कूल का चुनाव करने के 15 सुझाव | 15 tips to choose right School for your Child in Hindi

स्कूल किस बोर्ड से संबद्ध है

अधिकतर माता-पिता या अभिवावक इस बात से अनभिज्ञ है कि सही स्कूल के साथ, सही बोर्ड का चयन, बच्चे को कम उम्र से ही भविष्य की चुनौतियों, कैरियर और व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है | इसके लिए यह देखना होगा कि, जिस स्कूल में बच्चे का एडमिशन दिलाने जा रहे है वह किस बोर्ड से सबद्ध है, और उसका पाठ्यक्रम और शिक्षा पद्धति, बच्चे के जीवन और कैरियर के लक्ष्यों के साथ कितनी अच्छी तरह से मेल खाती है |

पढ़ाई का मीडियम

अक्सर माता – पिता अपने बच्चें के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए चिंतित रहते है । वे इस कश्मकश में रहते है कि अपने बच्चे को किस मीडियम वाले स्कूल में एडमिशन कराए ? जिससे उनके बच्चों का भविष्य अच्छा हो सके। मीडियम के माध्यम से ही बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाती हैं। अंग्रेजी मीडियम वाले बच्चों मे अंग्रेजी का ज्ञान हिंदी वाले बच्चों की अपेक्षा अधिक होता है , जिससे वह धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलते है और हर क्षेत्र में सफल होते है। वर्तमान दौर में कंपटीशन अधिक है। इस कारण अभिभावकों को अपने बच्चों का स्कूल में एडमिशन करते समय मीडियम का अधिक ध्यान देना आवश्यक है जिससे उनके बच्चे भविष्य में सफलता की बुलंदियों को चूमे ।

अध्यापकों का शिक्षण प्रोफाइल

अध्यापक शिक्षण प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण अंग है । अध्यापक के बिना शिक्षण कार्य नही किया जा सकता हैं। स्कूल के अध्यापकों का शिक्षण प्रोफाइल के बारे में माता – पिता को पूर्ण जानकारी हो । कक्षाओं में पढ़ाने वाले सभी अध्यापकों का शैक्षिक योग्यता स्नातक ,स्नाकोनातर होने के साथ – साथ Bed प्रशिक्षण भी किए हो। जिससे संपूर्ण गुण युक्त अध्यापकों के छत्र- छाया में रहकर बच्चे भविष्य में सफलता की बुलंदियों छुए।


एक क्लास में बच्चों की संख्या

माता – पिता इस बात की जानकारी अवश्य प्राप्त कर ले कि स्कूल के एक कक्षा में बच्चों की संख्या कितनी है। यदि बच्चों की संख्या कक्षा में अधिक हो तो वह बच्चे की पढ़ाई को प्रभावित कर सकता है।


प्रतियोगी परीक्षाओं में स्कूल का रिजल्ट कैसा है

वर्तमान समय में प्रतियोगिता हर क्षेत्र में बहुत अधिक हो गया है। इस कारण अभिभावकों को यह अवश्य देखना होगा कि स्कूल का रिजल्ट प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छा हो ,जिससे बच्चे हर प्रतियोगिता में सम्मिलित हो जो उनके कैरियर और चुनौतियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

स्कूल में बच्चों की सुरक्षा

बच्चे स्कूल में 5 से 6 घंटो का समय व्यतीत करते है ।इस दौरान उनकी सुरक्षा व्यवस्था किस प्रकार की है ।इस बात की जानकारी स्कूल में बच्चें का एडमिशन कराने से पहले जरूर कर ले । स्कूल में छुट्टी होने के उपरांत स्टाफ द्वारा बच्चे माता – पिता या अभिभावकों के अलावा और किसी भी अनजान व्यक्ति के पास न जा पाए इसका इंतजाम कैसे किया गया है , जिससे बच्चें वहां पर सुरक्षित रह सके।

स्कूल का पिछले 5 सालों का रिकॉर्ड कैसा है

स्कूल के चयन करने से पहले वहां का परफॉर्मेस दूसरे स्कूल से कैसा है? 5 सालों के रिकॉर्ड द्वारा देखा जा सकता है कि परीक्षा परिणाम कैसा है? साथ ही साथ पिछले के पिछले सालों में कितने बच्चों ने स्कूल से ड्रॉपआउट किया । पिछले 5 सालों में स्कूल ने। क्या – क्या उपलब्धियां प्राप्त की ।


स्कूल का अनुशासन कैसा है

अनुशासन मनुष्य के जीवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। बच्चें ज्यादातर समय स्कूल में व्यतीत करते है यदि स्कूल का अनुशासन अच्छा होगा तो बच्चें भी अनुशासित रहना सीख लेंगे जिससे वह जीवन के हर क्षेत्र , चुनौतियों मे सफलतापूर्वक सफल रहेंगे।

स्कूल कैंपस और आसपास माहौल का सकारात्मक वातावरण

स्कूल कैंपस और आस – पास के माहौल का प्रभाव बच्चों के पढ़ाई के साथ उनके जीवन पर भी पड़ता हैं। स्कूल का चुनाव करते समय इस बात को अवश्य जॉच ले वहां का वातावरण सकारात्मक हो । स्कूल का वातावरण जितना सकारात्मक होगा बच्चों का विकास और उनकी सोच उनती ही सकारात्मक और अच्छी होगी ।

देश प्रदेश में होने वाले कार्यक्रमों में स्कूल की सहभागिता

हर बच्चों में कुछ अलग – अलग प्रतिभाएं होती है । देश – प्रदेश में होने वाले सवागीर्ण विकास के कार्यक्रमों में स्कूल की अधिक सहभागिता के द्वारा बच्चों के प्रतिभाओं में विकास होगा और भविष्य में वे अपने कैरियर को चुनने में भी समर्थ रहेंगे ।

एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज

बच्चों के सवागीर्ण विकास के लिए पढ़ाई के साथ – साथ एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटीज भी उनता ही अति महत्वपूर्ण है । बच्चें लगातार पढ़ते हुए बोर होने लगते है , उन्हें नई एक्टिवीज करनी होती है ।एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटीज उनके पढ़ाई के तनाव को कम करने के साथ – साथ मानसिक ,आर्थिक ,सामाजिक सवागीर्ण विकास में भी सहायक होता है ।खेलना – कूदना , स्विमिंग , सिंगिंग , डांसिंग आदि जैसे एक्स्ट्रा एक्टिविटीज बच्चों के तनाव को कम करने में मदद करते है ।

घर से स्कूल की दूरी

बच्चों का स्कूल में एडमिशन करते समय पहली प्राथमिकता घर के नज़दीक के स्कूल को दे। घर से स्कूल की दूरी कम होने से बच्चों को आने – जाने में सुविधा होगी जिस कारण समय भी कम लगेगा और बच्चों की थकान भी कम होगी ।

स्कूल का बजट एवं फीस

बच्चों की पढ़ाई के साथ – साथ माता -पिता अपनी आर्थिक स्थिति को देखते हुए इस बात पर भी विचार करें कि स्कूल के फीस को क्या वे देने में समर्थ है ? जिससे उनके बजट पर आर्थिक बोझ न आए।हर स्कूल की फीस लगभग एक ही समान होती है, परंतु फीस के अतिरिक्त स्कूल के अलग खर्चे होते है जोकि एडमिशन के समय फीस के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है।

अभिभावकों का स्कूल के बारे में फीडबैक में

बच्चे की पढ़ाई के साथ जिस स्कूल में अपने बच्चे का एडमिशन कराने जा रहे है वहां की आर्थिक ,सामाजिक वातावरण की पूर्ण जानकारी वहां पर पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों के स्कूल के बारे में फीडबैक के द्वारा ली जा सकती है।

पढ़ने वाले छात्रों का स्कूल के बारे में फीडबैक

स्कूल का चयन करने से पूर्व वहां पर पढ़ रहे छात्रों के feedback को अवश्य ही प्राप्त कर ले जिससे स्कूल के बारे में बहुत अधिक जानकारी प्राप्त होगी जोकि आपके बच्चे के उस स्कूल में एडमिशन के लिए बहुत सहायक होगी।

इस लेख में दिए गए महत्त्वपूर्ण कारकों के माध्यम से बच्चों के एडमिशन के लिए सही स्कूल का चयन करने में आपको मदद मिलेगी ।

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